बाज़ुएँ वे काम की, मझधार से जो तारती!
तूफ़ान से लड़ना, यही जीवन की सच्ची आरती!!
डर डर के जीने की आदत, मृत्यु से पहले मारती!
फौलाद सी संघर्ष शक्ति ही व्यक्तित्व निखारती!!
पत्थर जो एक तालाब का, पत्थर ही वो रह जायेगा!
पत्थर जो एक नदी में है, मंदिर में पूजा जायेगा!!
जल की मिठास उसे क्या पता? जो शरबत ही पीता रहा!
जल की मिठास वो जानता, जो रेत में था तपता रहा!!
फूलों की महक उसे पता कहाँ? इत्रों में जो सड़ता रहा!
फूलों की महक वो जानता, कांटों से जो लड़ता रहा!!
जो मिले बिन संघर्ष के, वो व्यर्थ है अग्राह्य है!
संघर्ष से हो जीत, ये आवश्यक नहीं अनिवार्य है!!
जीवन को जीता है वही, संघर्ष से जो युक्त है!
जीवन को जीता है वही, आलस्य से जो मुक्त है!!
जीवित नहीं वह मृत है, उद्देश्य जिसमें लुप्त है!
जीवित नहीं वह मृत है, संघर्ष जिसमें सुप्त है!!
जो कल न था वो आज है, कल होगा न जो आज है!
हर पल में परिवर्तन, यही सृष्टि का शाश्वत राज़ है!!
पल भर के इस संसार में भी, अमर उसका नाम है!
संघर्ष जिस इंसान का, पहला व अंतिम काम है!!
न जल है, न ही वायु है!
न मृत्यु और न आयु है!!
न यह दुखों की गाज़ है!
न ही सुखों का साज़ है!!
कुछ दु:ख है और कुछ हर्ष है!
जीवन महज़ संघर्ष है!
संघर्ष है, संघर्ष है!
संघर्ष है, संघर्ष है!!
तूफ़ान से लड़ना, यही जीवन की सच्ची आरती!!
डर डर के जीने की आदत, मृत्यु से पहले मारती!
फौलाद सी संघर्ष शक्ति ही व्यक्तित्व निखारती!!
पत्थर जो एक तालाब का, पत्थर ही वो रह जायेगा!
पत्थर जो एक नदी में है, मंदिर में पूजा जायेगा!!
जल की मिठास उसे क्या पता? जो शरबत ही पीता रहा!
जल की मिठास वो जानता, जो रेत में था तपता रहा!!
फूलों की महक उसे पता कहाँ? इत्रों में जो सड़ता रहा!
फूलों की महक वो जानता, कांटों से जो लड़ता रहा!!
जो मिले बिन संघर्ष के, वो व्यर्थ है अग्राह्य है!
संघर्ष से हो जीत, ये आवश्यक नहीं अनिवार्य है!!
जीवन को जीता है वही, संघर्ष से जो युक्त है!
जीवन को जीता है वही, आलस्य से जो मुक्त है!!
जीवित नहीं वह मृत है, उद्देश्य जिसमें लुप्त है!
जीवित नहीं वह मृत है, संघर्ष जिसमें सुप्त है!!
जो कल न था वो आज है, कल होगा न जो आज है!
हर पल में परिवर्तन, यही सृष्टि का शाश्वत राज़ है!!
पल भर के इस संसार में भी, अमर उसका नाम है!
संघर्ष जिस इंसान का, पहला व अंतिम काम है!!
न जल है, न ही वायु है!
न मृत्यु और न आयु है!!
न यह दुखों की गाज़ है!
न ही सुखों का साज़ है!!
कुछ दु:ख है और कुछ हर्ष है!
जीवन महज़ संघर्ष है!
संघर्ष है, संघर्ष है!
संघर्ष है, संघर्ष है!!
I really like the depth of poem..
ReplyDeleteTareef - e qabil ...way to go man
ReplyDeleteThanks Nimit! :)
DeleteGr888 Going...
ReplyDeleteGandhi & Namita>>It's an honest attempt to convey the real experiences of my life into a few words.
ReplyDeleteIt was a treat to read this :) Awesome :)
ReplyDeleteAnd it was a treat to get such nice feedback...! :)
DeleteAwesome, to hear the life in your words
ReplyDelete:))
Deletesuperb bhai.
ReplyDeletegreat depth conveyed by the poem
Thank man...I loved it that u liked it...
DeleteThanks Bro....
ReplyDeleteकुछ दु:ख है और कुछ हर्ष है!
ReplyDeleteजीवन महज़ संघर्ष है!...
woww...
Thanks for the praise Stuti...Appreciate.. :)
Deleteawesome poem :)
ReplyDeleteThanks Ripsy... :)
ReplyDeleteAwesome.. behatreeen..
ReplyDeleteGazab!!!
ReplyDeletetrue emotions....
ReplyDeletea mutual feeling i convey by the lines below..
hope i had a guiding light..
that would help me walk in my flight...
wow,,, awesome , i dont mind losing to a poem like that. Respect to the writer. thanks for sharing
ReplyDeletewa wa kya bat hai!!!
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