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Tuesday 30 October 2012

ये दिल क्या होता है!!... Entry by Gaurav Kalelkar, IIM Rohtak


आहट उस बचपन की यह दिल ही सुनाता है,
जज्बा इस जवानी का भी दिल से ही आता है,
बड़े होने पर ज़िम्मेदार हम दिल से बन जाए भले,
बुड्ढा भी तो हर इंसान दिल से केह्लाता है!!

खुशियों की मेहफिल भी ये दिल ही सजाता है,
पलकों पे आंसुओं की चमक ये दिल ही तो लाता है,
खट्टे मीठे यादों में हम यूँ ही खो जाए कभी,
ख्वाबों की उस दुनिया की सैर भी दिल ही करवाता है!!

प्यार दुनिया में बाटना ये दिल ही सिखाता है,
नफरत की आग भी ये दिल ही बुज्हाता है,
टूट जाए ये दिल चाहे कितनों के इश्क में,
फिर मोहब्बत करने की उम्मीद भी दिल ही जगाता है!!

नकाब से ढके चेहरे की पहचान ये दिल ही करवाता है,
आईने में ढूँढ़ते हो परछाई जो उससे रूबरू दिल ही लाता है,
तुम्हारे अस्तित्व को वजूद भी ये दिल ही दे जाता है,
औरों से अलग पहचान तुम्हारी ये दिल ही बनाता है!!

गलत के अँधेरे को सही की रौशनी दिल ही दिखाता है,
यारों से किये हर यारी का वादा ये दिल ही निभाता है,
रिश्तों की उलझन में फस जाओ जब तुम कभी अगर,
परायों के नज़रों से बचाने अपनों की चादर उढाता है!!

पुछा हमसे किसीने के ये दिल क्या होता है,
लफ़्ज़ों के जुबां में ये बयान कैसे होता है,
कोशिश हमने काफी की हमारी सोच बटोरने की,
पर कैसे बताए कोई के जिंदा होने का एहसास क्या होता है!!

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