आज उड़ना है तुझे!!!
जहाँ तक नज़र जाती, दिखता खुला आसमान
है,
देता बुलावा, तू देख परिंदे, कैसी
मेरी शान है,
चीर के इन हवाओं को, तू आज मुझमे समाँ
जा,
आज़मा अपनी फ़ितरत, फैला अपने पंख,
तू छा जा,
इस दृष्टि की सीमायें लाँघ, हर दम
आगे बढ़ना है तुझे,
आज उड़ना है तुझे!!!
न डर इन ऊँचें पर्वतों से, कब इनसे
कोई हारा है,
क्या बिसात इन सागरों की, इनका भी
एक किनारा है,
विश्वास जगा, तू कदम उठा, यह सूर्य
तपन बुझ जाएगी,
हर मुश्क़िल होगी आसाँ, वायु संगीत
सुनाएगी,
छोड़ भय का कवच, तूफ़ानों से लड़ना
है तुझे,
आज उड़ना है तुझे!!!
कब तक छिपा रहेगा एक साए सा, तू सामने
आ,
जब है ताक़त, तो जुटा हिम्मत, तू मान
ज़रा,
कर कूच, हर दिशा देखे बस राह तेरी,
आज़ादी का है यह सुनहरा पल, ना कर
और देरी,
गिरेगा, गिर कर संभलेगा, पर ना कभी
बिखरना है तुझे,
इंतेज़ार कर रही है तेरी "पहली उड़ान",
आज उड़ना है तुझे!!!
"विश्वास जगा, तू कदम उठा, यह सूर्य तपन बुझ जाएगी"
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